मेरे भैया
मेरे भैया
भेज दी है मैंने प्यार की डोर
बाँध कर यादों के खजाने के साथ
सजेगी जब तुम्हारी कलाई
इस डोर से
याद आएगी बहन
पलकों की कोर में
जब आंसू चमक उठेंगे
प्यार के रूप में
तब जी उठेगा बचपन
एक दिन के लिए
मेरे भैया
रोक लेना उस पल को
थोड़ी देर के लिए भी
कहीं दूर बैठी ये बहन भी
जी लेगी उस पल को जीभर के
संजो लेगी अपनी थाती के रूप में
अगले राखी तक ..............
बहुत सुन्दर ....हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएं