शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

   जीवन  सफर




थाम कर  हाथ  जो उनका
वक्त के साथ बढ़ाये कदम
अभी तो चलना बहुत दूर है
यही तो है जीवन सफर

 



मंजिलें राह भी दिखाती रहती
  हौसले अब भी बुलंद हैं
  कदम बढ़ तो  रहे   हैं
पर बाधाएँ कुटिलता दिखाती रहती



 

 खामोशियाँ हैं  फिर भी
राज अन्दर कैद है
 दिल के दरवाजे बंद हैं
पर दस्तक होती अभी भी




अफसाने  और भी हैं जिंदगी के 
संभाले उनको रखा है
करीब दिल के छुपा है
प्यार मीत मेरे मन के । 


बुधवार, 14 नवंबर 2012

मन से मन की बात 
 http://www.pictures13.com/wp-content/uploads/2011/05/Nature-pictures-1.jpg

मन से पूछता है मन, उड़ान अब कितनी 
हँस के बोलता है मन, जिन्दगी जितनी ।

सुनहरे पंख लगे हैं , उड़ान भरने दो 
जो ख्वाब देखे हैं , पूरी करने दो ।

बदल नहीं सके जो ख्वाब, हकीकत जैसी 
मन ही में ख्वाब को, हकीकत बनने  दो ।

ख्वाब तुमसे ही तो बनते हैं, ऐ मेरे मन 
उड़ान भरने दो मन को, मन हो जितनी ।