सोमवार, 3 मई 2010

अनुभूति

सारे रास्ते बंद हो जाने के बाद जब हम परमपिता कि शरण में जाते हैं तो हमें असीम शांति कि अनुभूति होती है और यही हमें जीने के और भी रास्ते दिखाती है। हम न चाहते हुए भी उसी राह पर चल पड़ते हैं जिस पर हमारी आत्मा कहती है और हम इसे ही ईश्वर का सदेश मान बैठते हैं। यही हमारे जीने कि राह है।